मिर्जामुराद : कार सवार बदमाशों द्वारा शनिवार को कथित रूप से अपहृत भोजूपुर (रूपापुर) निवासी रतन गौड़ उर्फ पुजारी (16 वर्ष) रविवार को नाटकीय ढंग से लौट आया। उसने पुलिस को धोखे में अपहरण होने की कहानी सुनाई है। इस घटना को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। बताते हैं कि रतन के पिता राजबली प्रसाद गौड़ कई वर्षो से दमन (गुजरात) में रहकर फल का कारोबार कर रहे हैं। राजबली के तीन बेटों में दूसरे नंबर का रतन कक्षा 10 का छात्र है। उसकी सोमवार से अर्द्धवार्षिक परीक्षा होनी है लेकिन पेट की बीमारी के चलते वह चार माह से स्कूल नहीं जा पा रहा है। परिजनों ने बताया कि शनिवार को रतन किसी काम से घर से निकला और घर नहीं लौटा। रात तकरीबन 11 बजे उसने अपने मोबाइल से घर पर मौजूद मां राधिका को फोन किया कि रूपापुर चौराहा से पैदल घर आते समय कार सवार बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया है। खास बात यह कि कथित अपहर्ताओं ने किसी तरह की फिरौती की मांग नहीं की। रविवार को सवेरे रतन के बड़े भाई बाबा गौड़ ने ग्राम प्रधान हरिवंश उर्फ बबलू सिंह के साथ थाने पहुंचकर अपहरण की बाबत जानकारी दी। पुलिस मामले की तफ्तीश कर ही रही थी कि पता चला कि अपहर्ताओं ने उसे गोपीगंज (भदोही) के पास लाकर छोड़ दिया है। एसओ त्रिवेणी सेन मौके पर पहुंचे और रतन को लेकर थाने आए। पूछताछ में रतन ने बताया कि कार सवार बदमाशों की संख्या चार थी। उनके पास असलहे भी थे। बदमाशों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया था। देर रात वहां एक और व्यक्ति 4 लाख रुपये लेकर आया और रतन को देखकर कहा कि यह उक्त बच्चा नहीं है। उसने बदमाशों को 2 लाख रुपये दिए और चला गया। इसके बाद ही बदमाशों ने उसकी आंख पर पट्टी बांधी और लाकर गोपीगंज में छोड़ दिया।
साभार:दैनिक जागरण
सोमवार, 20 दिसंबर 2010
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